सूर्य के कोरोना से रेडियो लाइट्स
Radio lights from Sun’s Corona
3 जून, 2020 को पोस्ट किया गया । The Hindu
विज्ञान तकनीक कला संस्कृति । मुख्य paper 3: आईटी, अंतरिक्ष, कंप्यूटर, रोबोटिक्स, नैनो प्रौद्योगिकी, जैव प्रौद्योगिकी, फार्मा क्षेत्र और स्वास्थ्य विज्ञान के क्षेत्र में जागरूकता
प्रीलिम्स स्तर: मर्चिसन वाइडफील्ड ऐरे (एमडब्ल्यूए), नैनोफ्लेरेस
मुख्य स्तर: सूर्य के कोरोनल हीटिंग
भारत के वैज्ञानिकों के एक समूह ने हाल ही में पूरे सूर्य से निकलने वाली रेडियो लाइट की छोटी चमक की खोज की है, जो वे कहते हैं कि लंबे समय से लंबित कोरोनल हीटिंग समस्या को समझाने में मदद मिल सकती है ।
सूर्य का कोरोना क्या है?
• कोरोना सूर्य के वायुमंडल का सबसे बाहरी हिस्सा है। यह प्लाज्मा की आभा है जो सूर्य और अन्य तारों को घेरे हुए है।
• सूर्य का कोरोना लाखों किलोमीटर बाहरी अंतरिक्ष में फैला हुआ है और कुल सूर्यग्रहण के दौरान सबसे आसानी से देखा जाता है, लेकिन यह कोरोनाग्राफ के साथ भी देखा जा सकता है ।
• स्पेक्ट्रोस्कोपी माप कोरोना में मजबूत आयनीकरण और सूर्य की सतह की तुलना में 1000000 केल्विन से अधिक प्लाज्मा तापमान का संकेत देता है।
रेडियो लाइटें देखी गईं
• सूर्य पर चुंबकीय विस्फोट के बाद इन रेडियो लाइटों या संकेतों के परिणामस्वरूप इलेक्ट्रॉनों के बीम में तेजी आई ।
• हालांकि चुंबकीय विस्फोट अभी तक दिखी नहीं हैं, परन्तु इन कमजोर रेडियो चमक ने ‘smoking guns’ के तरह इसका सबूत दिया हैं ।
• इसलिए यह शोधकर्ताओं को कोरोनल हीटिंग समस्या समझाने में मदद किया है ।
Radio lights from Sun’s Corona
3 जून, 2020 को पोस्ट किया गया । The Hindu
विज्ञान तकनीक कला संस्कृति । मुख्य paper 3: आईटी, अंतरिक्ष, कंप्यूटर, रोबोटिक्स, नैनो प्रौद्योगिकी, जैव प्रौद्योगिकी, फार्मा क्षेत्र और स्वास्थ्य विज्ञान के क्षेत्र में जागरूकता
प्रीलिम्स स्तर: मर्चिसन वाइडफील्ड ऐरे (एमडब्ल्यूए), नैनोफ्लेरेस
मुख्य स्तर: सूर्य के कोरोनल हीटिंग
भारत के वैज्ञानिकों के एक समूह ने हाल ही में पूरे सूर्य से निकलने वाली रेडियो लाइट की छोटी चमक की खोज की है, जो वे कहते हैं कि लंबे समय से लंबित कोरोनल हीटिंग समस्या को समझाने में मदद मिल सकती है ।
सूर्य का कोरोना क्या है?
• कोरोना सूर्य के वायुमंडल का सबसे बाहरी हिस्सा है। यह प्लाज्मा की आभा है जो सूर्य और अन्य तारों को घेरे हुए है।
• सूर्य का कोरोना लाखों किलोमीटर बाहरी अंतरिक्ष में फैला हुआ है और कुल सूर्यग्रहण के दौरान सबसे आसानी से देखा जाता है, लेकिन यह कोरोनाग्राफ के साथ भी देखा जा सकता है ।
• स्पेक्ट्रोस्कोपी माप कोरोना में मजबूत आयनीकरण और सूर्य की सतह की तुलना में 1000000 केल्विन से अधिक प्लाज्मा तापमान का संकेत देता है।
रेडियो लाइटें देखी गईं
• सूर्य पर चुंबकीय विस्फोट के बाद इन रेडियो लाइटों या संकेतों के परिणामस्वरूप इलेक्ट्रॉनों के बीम में तेजी आई ।
• हालांकि चुंबकीय विस्फोट अभी तक दिखी नहीं हैं, परन्तु इन कमजोर रेडियो चमक ने ‘smoking guns’ के तरह इसका सबूत दिया हैं ।
• इसलिए यह शोधकर्ताओं को कोरोनल हीटिंग समस्या समझाने में मदद किया है ।
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